
अमेरिका के विदेश विभाग ने हाल ही में हजारों विदेशी छात्रों के एफ-1 वीजा को रद्द करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय उन छात्रों पर लागू किया गया है जो कथित रूप से अपने पाठ्यक्रम या वीजा नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। हालांकि, इस अचानक कदम ने कई मासूम छात्रों को भी प्रभावित किया है, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं।
छात्रों को ईमेल के माध्यम से सूचना दी गई है कि उन्हें 30 दिनों के भीतर अमेरिका छोड़ना होगा, नहीं तो उन्हें निर्वासित किया जा सकता है। इस कदम से छात्रों में असमंजस और तनाव का माहौल है। भारत सरकार ने अमेरिका से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
छात्र संगठनों और विश्वविद्यालयों ने भी विरोध जताया है, उनका कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से शिक्षा प्रणाली में हुए बदलावों के कारण कुछ तकनीकी त्रुटियां हुई हैं, जिन्हें कारण बनाकर वीजा रद्द करना उचित नहीं है। यह घटना अमेरिका में पढ़ाई कर रहे लाखों विदेशी छात्रों की सुरक्षा और भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।