“अरबियन ट्रैवल मार्केट 2025 में ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ की भव्य प्रस्तुति, वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती पर्यटन शक्ति”

दुबई में आयोजित अरबियन ट्रैवल मार्केट (ATM) 2025 के पहले दिन भारत ने ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ पवेलियन के ज़रिए अपनी पर्यटन क्षमता का दमदार प्रदर्शन किया। यह पवेलियन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन सेवाएं निर्यात संवर्धन परिषद (SEPC) द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से टूर ऑपरेटर्स, होटल ग्रुप्स और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

इस पवेलियन में ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपने पर्यटन उत्पादों और सांस्कृतिक विविधताओं को दुनिया के समक्ष पेश किया।

इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ और कई राज्यों के पवेलियन का उद्घाटन किया। उन्होंने सऊदी अरब के पर्यटन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों से संक्षिप्त बैठक भी की, जो भारत और मध्य-पूर्व के बीच पर्यटन सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

शेखावत ने कहा कि भारत समंदर से लेकर पर्वतों तक, वनों से लेकर आधुनिक शहरों तक—हर प्रकार के पर्यटक की आकांक्षाओं को पूरा करने की क्षमता रखता है। उन्होंने वैश्विक पर्यटकों को भारत आने और इसकी विविधताओं को अनुभव करने का निमंत्रण दिया।

ATM 2025 के अंतिम दिन ‘नेक्स्ट जन ट्रैवलर: इंडिया’ सत्र के ज़रिए भविष्य के भारतीय पर्यटकों की प्राथमिकताओं और यात्रा रुझानों पर चर्चा की जाएगी। वहीं एक अन्य सत्र में IPL जैसे बड़े आयोजनों के वैश्विक पर्यटन प्रभाव का विश्लेषण किया जाएगा।

भारत की भागीदारी इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 40% अधिक रही, जिसमें पर्यटन मंत्रालय, प्रमुख एयरलाइंस और इंडस्ट्री प्रतिनिधियों की मज़बूत उपस्थिति देखने को मिली। 2024 में दुबई आने वाले 3.14 मिलियन दक्षिण एशियाई पर्यटकों में भारत का योगदान सबसे अधिक रहा।

अनुमानों के अनुसार, 2034 तक भारत का आउटबाउंड टूरिज्म बाजार $55 बिलियन तक पहुंच सकता है, जो 11.4% की वार्षिक वृद्धि दर से आगे बढ़ रहा है। इसके पीछे युवाओं में अंतरराष्ट्रीय अनुभवों की बढ़ती मांग और बढ़ती आय प्रमुख कारण हैं।

ATM 2025 में ट्रैवल टेक सेक्शन में 26% की वृद्धि देखने को मिली, जो यह दर्शाता है कि पर्यटन उद्योग अब तकनीक और नवाचार के साथ और अधिक जुड़ रहा है। वैश्विक मंच पर भारत की यह मजबूत उपस्थिति न केवल उसकी पर्यटन क्षमता को उजागर करती है, बल्कि पश्चिम एशिया समेत अन्य प्रमुख बाजारों के साथ उसके बढ़ते संबंधों का भी संकेत देती है।

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