
भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और केंद्रित सैन्य कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में कुल 9 चिन्हित ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना और संचालन के लिए किया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, यह सैन्य कार्रवाई एक सुनियोजित जवाब थी जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए नृशंस आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप की गई, जिसमें 25 निर्दोष लोगों की जान गई थी — इनमें से अधिकांश भारतीय नागरिक थे, जबकि एक नेपाली नागरिक भी शिकार हुआ। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
सरकारी सूत्रों और रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, भारत की यह जवाबी कार्रवाई अत्यंत संयमित रही। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत का उद्देश्य आतंकवाद के अड्डों को खत्म करना था, न कि क्षेत्रीय उकसावे को बढ़ाना।
Internet में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है, जिसमें उन्होंने हमले की पुष्टि तो नहीं की, लेकिन भारतीय दावों को “काल्पनिक” बताया है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत ने इस बार भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तर्ज पर सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की है।
भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि यह ऑपरेशन एक संदेश है — भारत अब आतंकवाद के खिलाफ “नो टॉलरेंस” की नीति पर अमल कर रहा है, और ऐसे किसी भी हमले के लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।