
“नशा मुक्त युवा, विकसित भारत” थीम पर केंद्रित एक विशेष तीन दिवसीय युवा आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन 18 से 20 जुलाई तक वाराणसी में होने जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में होगा, जबकि समापन सत्र की शोभा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल बढ़ाएंगे।
इस ऐतिहासिक पहल का मुख्य उद्देश्य भारत के युवाओं को नशे की गिरफ्त से मुक्त कर राष्ट्र निर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका को सशक्त बनाना है। यह सम्मेलन भारत सरकार के कई मंत्रालयों — स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय — के साथ-साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और एम्स जैसे संस्थानों को एक मंच पर लाएगा।
देशभर से 100 से अधिक प्रमुख आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की युवा शाखाएं — जिनमें बीएपीएस, आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउंडेशन, ब्रह्माकुमारी, पतंजलि और हार्टफुलनेस शामिल हैं अपने पांच-पांच युवा प्रतिनिधियों को इस सम्मेलन में भेजेंगी।
तीन दिनों में चार विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नशे की समस्या को उसके मूल कारण, प्रकार, प्रभाव, प्रसार और उसे बढ़ावा देने वाले तंत्र की गहराई से समझाया जाएगा। हर सत्र में इस क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ अपने अनुभव व शोध प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही, जमीनी स्तर पर नशा मुक्ति के लिए काम कर रहे संगठन भी अपने सुझाव और अनुशंसाएं साझा करेंगे, जिन्हें आगामी कार्य योजना में शामिल किया जाएगा।
19 जुलाई की शाम को “नशा मुक्त भारत” विषय पर आधारित एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें काशी के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया गया है ताकि यह संदेश हर घर तक पहुंचे।
सम्मेलन के अंतिम दिन 20 जुलाई को दोपहर में “काशी घोषणा पत्र” जारी किया जाएगा, जिसमें विभिन्न संगठनों से प्राप्त सुझावों और विचारों के आधार पर आगामी वर्ष के लिए एक ठोस कार्य योजना प्रस्तुत की जाएगी। यह घोषणा पत्र केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे ज़मीन पर लागू करने की ठोस रणनीति तैयार की गई है, जिसकी प्रगति की समीक्षा VBYLD 2026 में की जाएगी ताकि जवाबदेही और निरंतरता बनी रहे।
यह आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें वे एक नशा मुक्त, आत्मनिर्भर, स्वस्थ और नेतृत्व क्षमता से भरपूर युवा को विकसित भारत की आधारशिला मानते हैं।
यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आह्वान है — जहां नीति, समुदाय और आध्यात्मिकता मिलकर युवाओं के भविष्य को नई दिशा देने जा रहे हैं।