भारतीय पर्यटन उद्योग में नई रफ्तार: निवेश, रोज़गार और तकनीक के नए अवसर

नई दिल्ली: भारतीय पर्यटन उद्योग, जो कोविड-19 महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ था, अब दोबारा तेजी से पटरी पर लौट रहा है। केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों की पहल, डिजिटलीकरण और घरेलू पर्यटन में बढ़ती रुचि के चलते यह सेक्टर एक बार फिर आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन बनता नजर आ रहा है।

2024-25 में भारतीय पर्यटन उद्योग का आकार 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में 30% तक वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के विविध भौगोलिक और सांस्कृतिक आकर्षण — जैसे कि हिमालयी क्षेत्र, तटीय पर्यटन, अध्यात्मिक केंद्र और ऐतिहासिक स्थल — दुनियाभर के सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं।

सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों जैसे ‘देखो अपना देश’, ‘स्वदेश दर्शन’, और ‘प्रसाद योजना’ ने न केवल आंतरिक पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि स्थानीय रोजगार भी उत्पन्न किया है। इसके अलावा, हाल ही में लॉन्च किया गया “इंडिया टूरिज्म ऑन डिजिटल प्लेटफॉर्म” पहल पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग, वर्चुअल गाइड, और एआई-आधारित सिफारिश सेवाएं दे रहा है।

पर्यटन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह सेक्टर भारत में सबसे अधिक रोज़गार देने वाले क्षेत्रों में से एक बन सकता है। वर्तमान में लगभग 4 करोड़ लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस उद्योग से जुड़े हुए हैं।

इसके साथ ही, ईको-टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन जैसे विकल्पों में भी तेज़ी से निवेश बढ़ रहा है, जो भारत को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित कर रहे हैं।

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