आयुष गुणवत्ता मानकों, नियामक तंत्र और निवेश में नई गति को बढ़ावा देने के लिए अनुभवात्मक ज्ञान और रचनात्मक विचार-विमर्श की भूमिका

लोनावला, महाराष्ट्र – कैवल्यधाम में आयोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) कॉन्क्लेव 2025 के दूसरे संस्करण के दूसरे दिन आयुष सुविधाओं के तहत गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को बढ़ाने, नियामक तंत्र को मजबूत करने और आयुष क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर व्यापक चर्चा हुई।

सत्र IV की शुरुआत “औषधीय पौधों सहित गुणवत्तापूर्ण सेवाएं” विषय पर हुई, जिसमें आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) और आयुष अस्पतालों के लिए भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला गया। राज्यों से जून 2026 तक 30 प्रतिशत, 2028 तक 40 प्रतिशत और 2029 तक 50 प्रतिशत अनुपालन प्राप्त करने की अपेक्षा की गई।

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) के सीईओ डॉ. महेश कुमार दाधीच ने “औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना” के तहत संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन शमन में औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

डॉ. साकेत राम थ्रीगुल्ला ने आयुष ग्रिड पहल पर प्रस्तुति दी, जो एक समर्पित डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य आयुष क्षेत्र में परिचालन दक्षता और सेवा वितरण में बदलाव लाना है। केरल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, मणिपुर और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रतिनिधियों ने आयुष स्वास्थ्य सेवा वितरण में अपनी-अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को साझा किया।

सत्र V में आयुष दवाओं की गुणवत्ता आश्वासन और भ्रामक विज्ञापनों की निगरानी के संबंध में नियामक तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें राज्यों में विनियामक प्रावधानों को समान रूप से लागू करने में चुनौतियों और केंद्र और राज्य प्राधिकरणों के बीच मजबूत समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा की गई।

दिन के अंतिम सत्र में “आयुष क्षेत्र में निवेश के अवसरों” पर चर्चा की गई, जिसमें इन्वेस्ट इंडिया की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सीआईओ डॉ. सुरुचि मित्तर ने विनिर्माण क्षेत्र में 2014 में 2.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2023 तक 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसका 2030 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।

कॉन्क्लेव में ज्ञान के आदान-प्रदान, नीतिगत चर्चाओं और सहयोगात्मक योजना के माध्यम से पूरे भारत में आयुष स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।

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