
अमरावती, आंध्र प्रदेश – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमरावती की पावन भूमि पर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करते हुए आंध्र प्रदेश के लिए ‘स्वर्ण युग’ की शुरुआत का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें ‘फ्यूचर टेक्नोलॉजी के मास्टर’ और ‘जनभागीदारी के प्रतीक’ बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मैं अमरावती की धरती पर केवल एक शहर नहीं देख रहा, बल्कि एक सपना साकार होता देख रहा हूं – नया अमरावती, नया आंध्र।” उन्होंने कहा कि यह भूमि परंपरा और प्रगति का संगम है, जहां बौद्ध विरासत की शांति और विकसित भारत की ऊर्जा साथ-साथ बहती है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अमरावती को “ओक शक्ति” (एक शक्ति) बताते हुए कहा कि यह शहर आंध्र प्रदेश को आधुनिकता की दिशा में ले जाने वाला केंद्र बनेगा। “स्वर्ण आंध्र” के सपने को अमरावती साकार करेगा, जहां टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, क्लीन इंडस्ट्री, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास होगा।
मोदी ने चंद्रबाबू को बताया अपना ‘गुरु’
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एक भावुक प्रसंग साझा करते हुए कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे चंद्रबाबू नायडू की कार्यशैली से प्रेरणा लेते थे। “मैं हैदराबाद में बैठकर उनके टेक्नोलॉजी इनिशिएटिव का अध्ययन करता था और उनसे बहुत कुछ सीखा। आज उसी अनुभव का लाभ देश को मिल रहा है।”
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर, तेज़ गति से टेक्नोलॉजी आधारित काम करना हो तो चंद्रबाबू नायडू से बेहतर कोई नहीं। इसी के साथ उन्होंने पवन कल्याण को भी “ऊर्जावान नेतृत्व” का प्रतीक बताया।
अमरावती: अधूरी कहानी को नया अध्याय
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 2015 में उन्होंने अमरावती के प्रजा राजधानी के शिलान्यास का अवसर पाया था, और अब लगभग एक दशक बाद, उस सपने को साकार करने की रफ्तार दोबारा पकड़ चुकी है। “अब चंद्रबाबू गारू के नेतृत्व में सरकार बनी है, तो जो अड़चनें थीं, वो दूर हो चुकी हैं। अब हाईकोर्ट, विधानसभा, सचिवालय और राजभवन जैसी जरूरी संरचनाएं प्राथमिकता से बन रही हैं।”
उन्होंने एनटीआर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अब वक्त है उनके विकसित आंध्र प्रदेश के सपने को साकार करने का।
रेल और रोड नेटवर्क से बदलेगा परिदृश्य
प्रधानमंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश को आज रेल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाएं मिली हैं, जिससे एक जिले से दूसरे जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके अलावा, तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों की पहुंच आसान होगी, जिससे पर्यटन और तीर्थ यात्रा को बल मिलेगा।
रेलवे बजट की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि 2009–14 के दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मिलाकर 900 करोड़ रुपये का बजट मिलता था, जबकि अब अकेले आंध्र को 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मिल रहे हैं – यह 10 गुना की बढ़ोतरी है।
‘स्वर्ण आंध्र’ की नींव रखी गई
प्रधानमंत्री के इस दौरे और भारी निवेश की घोषणाओं को आने वाले चुनावों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की साझा कोशिशों से अमरावती को एक बार फिर “ड्रीम सिटी” के रूप में स्थापित करने की कोशिश हो रही है।
समारोह का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इदि मनमु चेय्याली, इदि मनमे चेय्याली।” (हमें ही करना है, और हम सब मिलकर ही करेंगे।)