अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री पासंग दोरजी सोना ने आज शांगरी-ला इरोस होटल, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्य के नए पर्यटन लोगो और नीति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की पर्यटन संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
नई पर्यटन नीति: अनुभवात्मक पर्यटन की ओर
मंत्री सोना ने बताया कि राज्य की नई पर्यटन नीति का मुख्य उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश को एक विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध जनजातीय संस्कृति और जैव विविधता को संरक्षित रखते हुए सतत पर्यटन और सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, “हमारी नीति में फार्म पर्यटन, वाइन पर्यटन, वेलनेस और आध्यात्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, फिल्म पर्यटन, इकोटूरिज्म, जनजातीय पर्यटन, MICE और सीमा पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।”
नया लोगो: पहचान और संस्कृति का प्रतीक
नए पर्यटन लोगो में फ़िरोज़ा रंग में पहाड़ों का स्टाइलिश प्रतिनिधित्व है, जिसमें उगते सूरज का नारंगी चाप अरुणाचल प्रदेश की “भोर के पहाड़ों की भूमि” की पहचान को दर्शाता है। मंत्री सोना ने इसे राज्य की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बताया।
निवेश और कौशल विकास पर जोर
पर्यटन सचिव रणफोआ नगोवा ने राज्य में पर्यटन निवेश को आकर्षित करने के लिए एक समर्पित सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हम Invest India के साथ मिलकर निवेशकों तक पहुंचने और उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।”
इसके अतिरिक्त, विधायक और पर्यटन सलाहकार मोपी मिहू ने स्थानीय समुदायों के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हम छोटे व्यवसायों और स्थानीय गाइडों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेंगे और प्रमुख संस्थानों जैसे IITTM और IHM के साथ सहयोग करेंगे।”
निष्कर्ष
अरुणाचल प्रदेश की नई पर्यटन नीति और लोगो राज्य को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री सोना ने इस पहल को राज्य की पहचान और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास बताया।